इस उत्सव का एक अनिवार्य घटक भोग या प्रसाद तैयार करना और चढ़ाना है, जो देवता को पवित्र प्रसाद है। इन व्यंजनों का भक्तों के दिलों में एक अद्वितीय स्थान है क्योंकि ये भक्ति और कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में काम करते हैं। यहां नवरात्रि के चौथे दिन इंद्रियों के लिए प्रसाद और उपचार के रूप में मां कुष्मांडा भोग तैयार करने की एक स्वादिष्ट रेसिपी दी गई है। तो अपने शेफ की टोपी पहनें और चलिए शुरू करें।
मां कुष्मांडा भोग रेसिपी
1. नारियल गुलाब की खीर
(रेसिपी शेफ संजीव कपूर द्वारा)
सामग्री:
मीठा किया हुआ नारियल क्रीम 200 ग्राम
गाढ़ा दूध 1 बड़ा चम्मच
नारियल क्रीम 1 कप
हरी इलायची पाउडर 1 चम्मच
नारियल का गूदा ¼ कप
बादाम बारीक कटे हुए 2 बड़े चम्मच
पिस्ते बारीक कटे हुए 2 बड़े चम्मच
सूखा नारियल 4-5 बड़े चम्मच
सजावट के लिए गुलाब की पंखुड़ियाँ
तरीका:
1. एक नॉन-स्टिक पैन में कंडेंस्ड मिल्क गर्म करें, उसमें नारियल क्रीम और हरी इलायची पाउडर डालें और अच्छी तरह मिलाएँ।
2. धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए पकाएं.
3. नारियल के गूदे को बारीक काट लें और इसमें डालकर अच्छी तरह मिला लें. – बादाम, पिस्ता और सूखा नारियल डालकर अच्छी तरह मिला लें.
4. धीमी आंच पर 4-5 मिनट तक पकाएं.
5. खीर को सर्विंग बाउल में डालें. गुलाब की चाशनी छिड़कें, गुलाब की पंखुड़ियों से सजाएँ और गरमागरम परोसें।
2. आटे का हलवा
(रेसिपी शेफ संज्योत कीर द्वारा)
सामग्री:
घी 1 कटोरी
करकरा आटा 1 कप
चीनी 1 कप
पानी 2 कप
तरीका:
1. तेज आंच पर एक गहरा पैन रखें और जब यह गर्म हो जाए तो इसमें घी डालें।
2. जब घी गर्म हो जाए तो इसमें आटे को लगातार चलाते हुए डालें ताकि गुठलियां न बनें.
3. आटे को धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक इसका रंग गहरा बिस्किट जैसा न हो जाए, ध्यान रखें कि आप इसे लगातार चलाते रहें.
4. जब आटे और घी का रंग गहरा बिस्किट जैसा हो जाए तो इसमें चीनी और पानी मिलाएं, फिर आंच को मध्यम से धीमी कर दें और हलवे को तब तक पकाएं जब तक कि सारा घी अलग न हो जाए.
5. घी अलग होने पर आंच बंद कर दें, आपका कड़ा/आटे का हलवा तैयार है.