जो काम मिला उससे खुश नहीं थी
“मैंने फिल्में छोड़ने का कारण यह बताया कि मैं 2010 से 2010 तक वही अभिव्यक्ति करते-करते थक गया था। मुझे बस इतना ही करना था। एक अच्छा गाना वगैरह था। मैं और अधिक ढूंढ रहा था। जैसे-जैसे मेरी उम्र बढ़ रही थी, मैं इससे खुश नहीं था। मैं और अधिक चाहती थी, मैं फिर से छात्रा बनना चाहती थी,” उसने कहा।
फिर से छात्र बनना
सुष्मिता ने तब अभिनय कार्यशालाओं में भाग लिया और एक मेहनती छात्रा थीं। “मैं चाहता हूं कि वे मुझे सिखाएं और बताएं कि आप इस काम में कुशल नहीं हैं, मैं आपको सिखाऊं कि यह वास्तव में कैसे किया जाता है। आर्या ने मेरे लिए यही किया। मेरे पास 14 घंटे की कार्यशाला होगी, अन्य कलाकार आएंगे और जाएंगे और मैं स्थायी रूप से काम करूंगा, बस सीखने की भूख होगी। मैं 21 दिनों तक हर दिन देर रात घर वापस जाऊंगा। और मुझे यह अच्छा लगा, अच्छा लगा कि मैं आखिरकार सीख रही थी कि अपना काम कैसे करना है,” उसने कहा।
आर्या के अलावा सुष्मिता ट्रांस राइट एक्टिविस्ट श्री गौरी सावंत के जीवन पर आधारित फिल्म ताली में भी नजर आई थीं। ताली और आर्या दोनों को सुष्मिता की आलोचनात्मक प्रशंसा मिली।
आर्या का तीसरा सीज़न 3 नवंबर को डिज़्नी+हॉटस्टार पर आएगा। इसमें सिकंदर खेर भी हैं।